शहर शहर सन्नाटे यूँ सदा को घेरे हैं,रौशनी के पेड़ों पर रात के बसेरे हैं.!

शहर शहर सन्नाटे यूँ सदा को घेरे हैं,

रौशनी के पेड़ों पर रात के बसेरे हैं.!

Comments