भाई भाई का प्यार
खरी खरी.. मन की बात
साथियों हम सभी किसान परिवारों से निकले हुए हैं
मुजे नहीं लगता कोई राजपारिवार का सदस्य होगा, हमको हमारे किसान मा बाप ने ना जाने कितने अभावों से लड़कर.. अपने हर सपने का खून करके यहां तक भेजा है... हालाकि कुछ भाई मानते हैं कि उनकी खुद की काबिलियत ने उनको यहा तक पहुंचाया है.. हालाकि ये बात बिल्कुल सही है कि अगर हमारे घर वाले हमको पढ़ाने की बजाय भेस चराने लगा देते तो आज अच्छे दूधिया होते.. लेकिन फिर भी विचार करने वाली बात ये है कि जिन परिवार वालों ने अपने हर सपने को मार कर हमको यहाँ तक पहुंचाया है अखिर उनको क्या मिला.... हम समाज के लिए क्या कर रहे हैं.. मे मानता हूं कि आप सबने सेवा की है लेकिन उसको समाज सेवा कहे या नेताओ की सेवा ये आप खुद निर्धारित करे | नेताओ के खूब जयकारे लगाते हुए भक्ति भाव मे डूबे हुए हैं... कुछ भाई तो इतने डूब चुके है कि अपने आराध्य के खिलाफ बोलने पर.. मारने पीटने तक तैयार हो जाते हैं| इनको ही भीड़ या मॉब लिनचिंग कहा है.. | अब आप विचार करे जिनके इशारे पर आप मरने मरने को तैयार है, वो आपके लिए क्या कर सकते हैं.. जिनके ऊपर मुकदमे लगे हैं वो तो समझ चुके होंगे.. अखिर हम नेताओ के लिय काम क्यो करे जबकि हमको यहा तक पहुचाने मे उस किसान परिवार का हाथ है जिसके हम सदस्य रहे हैं.. हमारे माता पिता हमसे उम्मीद रखते हैं जो उन्होने हमको दिया है उसको हम लोटा सके, ज़्यादा नहीं तो कर्जा चुकाने मे तो मदद कर सकते हैं... मान लीजिए आप 3 भाई है 2 को नोकरी मिल गई है और ऐक खेती करता है.. अगर हम अपने हिस्से को उसी को साझे पर देदे तो कोण पहाड़ गिर जाएगा.. लेकिन हम भाई को नहीं बल्कि पड़ोसी को देते हैं
मेने बहुत से मामले देखे है जहा माता पिता को 2 बीगा जमीन दे कर अलग कर दिया जाता है.. सोचो क्या बीत रही होगी उन की आत्मा पर जिनको आप बुढ़ापे मे खेती करवा रहे हैं... उस के ऊपर भी हमारी पत्निया दिनरात हमको सलाह दे रही है सब जमा पूंजी ओर कमाई को किसी दूसरे भाई को दे दिया है... अगर गांव मे रहने वाले भाई पर उनकी अधिक ममता है तो क्या बुराई है.. उनकी सेवा कोण कर रहा है..
साथियो हम पूरी तरह से ग्लेमर की दुनिया मे फस चुके हैं... आवाज हमको किसान की उठानी चाहिय ओर उठा रहे हैं नेताओ की..
जब भी अपनी पत्नी या महिला मित्र के साथ होटल मे खाना खाने जाओ तो ये मत भूलना की मिट्टी में बेठ कर रुखी सुखी खाने वाले किसान ने इस काबिल बनाया है
साथियों हम सभी किसान परिवारों से निकले हुए हैं
मुजे नहीं लगता कोई राजपारिवार का सदस्य होगा, हमको हमारे किसान मा बाप ने ना जाने कितने अभावों से लड़कर.. अपने हर सपने का खून करके यहां तक भेजा है... हालाकि कुछ भाई मानते हैं कि उनकी खुद की काबिलियत ने उनको यहा तक पहुंचाया है.. हालाकि ये बात बिल्कुल सही है कि अगर हमारे घर वाले हमको पढ़ाने की बजाय भेस चराने लगा देते तो आज अच्छे दूधिया होते.. लेकिन फिर भी विचार करने वाली बात ये है कि जिन परिवार वालों ने अपने हर सपने को मार कर हमको यहाँ तक पहुंचाया है अखिर उनको क्या मिला.... हम समाज के लिए क्या कर रहे हैं.. मे मानता हूं कि आप सबने सेवा की है लेकिन उसको समाज सेवा कहे या नेताओ की सेवा ये आप खुद निर्धारित करे | नेताओ के खूब जयकारे लगाते हुए भक्ति भाव मे डूबे हुए हैं... कुछ भाई तो इतने डूब चुके है कि अपने आराध्य के खिलाफ बोलने पर.. मारने पीटने तक तैयार हो जाते हैं| इनको ही भीड़ या मॉब लिनचिंग कहा है.. | अब आप विचार करे जिनके इशारे पर आप मरने मरने को तैयार है, वो आपके लिए क्या कर सकते हैं.. जिनके ऊपर मुकदमे लगे हैं वो तो समझ चुके होंगे.. अखिर हम नेताओ के लिय काम क्यो करे जबकि हमको यहा तक पहुचाने मे उस किसान परिवार का हाथ है जिसके हम सदस्य रहे हैं.. हमारे माता पिता हमसे उम्मीद रखते हैं जो उन्होने हमको दिया है उसको हम लोटा सके, ज़्यादा नहीं तो कर्जा चुकाने मे तो मदद कर सकते हैं... मान लीजिए आप 3 भाई है 2 को नोकरी मिल गई है और ऐक खेती करता है.. अगर हम अपने हिस्से को उसी को साझे पर देदे तो कोण पहाड़ गिर जाएगा.. लेकिन हम भाई को नहीं बल्कि पड़ोसी को देते हैं
मेने बहुत से मामले देखे है जहा माता पिता को 2 बीगा जमीन दे कर अलग कर दिया जाता है.. सोचो क्या बीत रही होगी उन की आत्मा पर जिनको आप बुढ़ापे मे खेती करवा रहे हैं... उस के ऊपर भी हमारी पत्निया दिनरात हमको सलाह दे रही है सब जमा पूंजी ओर कमाई को किसी दूसरे भाई को दे दिया है... अगर गांव मे रहने वाले भाई पर उनकी अधिक ममता है तो क्या बुराई है.. उनकी सेवा कोण कर रहा है..
साथियो हम पूरी तरह से ग्लेमर की दुनिया मे फस चुके हैं... आवाज हमको किसान की उठानी चाहिय ओर उठा रहे हैं नेताओ की..
जब भी अपनी पत्नी या महिला मित्र के साथ होटल मे खाना खाने जाओ तो ये मत भूलना की मिट्टी में बेठ कर रुखी सुखी खाने वाले किसान ने इस काबिल बनाया है
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